सावधान, मोबाइल फोन का उपयोग पहुंंचा रहा है हॉस्पिटल

सावधान, मोबाइल फोन का उपयोग पहुंंचा रहा है हॉस्पिटल

सेहतराग टीम

आज के समय टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है, जिस कारण इसका उपयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। खासकर मोबाइल का उपयोग अधिक हो रहा है और एक रिसर्च के अनुसार मोबाइल का यही अधिक उपयोग लोगों को हॉस्पिटल पहुंचा रहा है। इनमें से किसी को गंभीर चोट लगी है तो किसी को फेस इंजरी यानी चेहरे पर चोट लगी है। यहीं नहीं इसमें से अधिकतम केस सेल्फ हार्मिंग वाले हैं यानी किसी व्यक्ति द्वारा मोबाइल फोन का उपयोग करते समय चोट लग जाना।

यूनाइटेड स्टेट के हॉस्पिटल्स के इमरजेंसी रूम्स में माइनर और मेजर इंजरी के ऐसे केसेज लगातार आ रहे हैं, जिनमें पेशंट को मोबाइल फोने के कारण चोट लगी है। रिसर्च के लीड डॉक्टर बोरिस पासखोबर के अनुसार, साल 2006 से इमरर्जेंसी में आनेवाले केसेज में लगातार वृद्धि हो रही है। डॉक्‍टर बोरिस कहते हैं, मैैं पिछले 20 साल से ओपीडी देख रहा हूं और मोबाइल फोन के कारण चोटिल होनवाले ज्यादातर केसेज में लोगों को अपनी ही लापरवाही के कारण चोट लगी होती है। हमारे पास ताजा केस लेटकर मोबाइल यूज कर रही महिला पेशंट का है, जिसके हाथ से स्लिप होकर मोबाइल उसकी नाक पर गिरा और नाक की बोन क्रैक हो गई।

विशेषज्ञों का कहना है कि नेेशनल लेवल पर अगर बात करें तो एक साल में करीब 76 हजार लोग मोबाइल फोन का असुरक्षित या गैर जिम्मेदारान तरीके से उपयोग करते हुए चोटिल हो जाते हैं। इस तरह चोट खानवाले लोगों में ज्यादातर की उम्र 13 से 29 साल के बीच होती है। यह डेटा यूएस कंज्यूमर प्रॉडक्ट सेफ्टी कमीशन के डेटाबेस पर आधारित है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन पर बात करना, वॉक करते-करते मैसेज टाइप करना और किसी दुसरे के द्वारा मोबाइल फोन फेककर चोट पहुंचना जैसे केसेज ज्यादा हैं। इस कारण जरूरी है कि लोग मोबाइल का उपयोग करते समय लापरवाही ना बरतें। क्योंकि इस तरह चोट लगने पर सबसे ज्यादा चोट चेहरे और उसके आसपास ही लगती है जो कि जोखिम भरा हो सकता है।

 

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